समाज के सरोकारों पर जो सोचता हूं उसे लिख देता हूं। यह मेरा नहीं आपका भी मंच है। जरूरत है कि बातें जारी रहें। पत्रकारिता के चौदह सालों के सफर में जो देखा, समझा और अनुभव किया उसे ही आप तक पहुंचाने की एक कोशिश है यह ब्लाग। - संजय द्विवेदी
Friday, August 24, 2012
सहभागिता से ही सार्थक होगा जनतंत्रः कुठियाला
भोपाल,24अगस्त।
माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.बृजकिशोर कुठियाला का कहना है कि हमारी संसदीय संस्थाओं को अपनी शुचिता, पवित्रता और महत्व बनाए रखना है तो आम लोगों को भी इन सवालों पर सोचना होगा। क्योंकि कोई भी जनतंत्र लोगों की सहभागिता और संवाद से ही सार्थक होता है। वे यहां विवि परिसर में आयोजित एक कार्यक्रम में विद्यार्थियों को संबोधित कर रहे थे।
इस अवसर पर कुंजीलाल दुबे संसदीय विद्यापीठ द्वारा आयोजित युवा संसद में लगातार तीसरी बार पहला स्थान पाकर आए विश्वविद्यालय के छात्रों का सम्मान भी किया गया। कुलपति ने उन्हें लगातार तीसरी बार पहला स्थान पाने पर बधाई दी और विद्यापीठ के कार्यों की सराहना की। उनका कहना था वर्तमान स्थितियां संतोषजनक नहीं हैं। संसद और विधानसभाओं में बहस का स्तर कम हो रहा है और जनांकांक्षाओं की अभिव्यक्ति उस रूप में नहीं हो पा रही है जो होनी चाहिए। उन्होंने कहा आज के युवा और मीडिया दोनों मिलकर इस परिदृश्य को बदल सकते हैं।पं. जवाहर लाल नेहरू, डा. लोहिया, मधु लिमये, सुरेंद्र मोहन, चंद्रशेखर, अटलविहारी बाजपेयी, सोमनाथ चटर्जी जैसे सांसदों का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि इन तमाम नेताओं के योगदान से सीख लेकर हमें अपनी संवैधानिक संस्थाओं की गरिमा बनाए रखने की जरूरत है। कार्यक्रम का संचालन जनसंचार विभाग के अध्यक्ष संजय द्विवेदी ने किया। इस अवसर पर डा. श्रीकांत सिंह, पुष्पेंद्रपाल सिंह, डा. पवित्र श्रीवास्तव, डा. मोनिका वर्मा सहित छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
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